खगड़िया की महिलाएं चरखा से जुड़ी

गांधी का सपना पूरा करने का लिया संकल्प

बिहार। बिहार के खगड़िया में एक बार फिर से चरखा की आबाज फिंजा में गूंजने लगी है। यहां कि महिलाएं गांधीजी के सपने को साकार करने में जी जान से जुट गई हैं। बतातें चलें कि परबत्ता प्रखंड के डुमरिया बुजुर्ग में खादी ग्रामोद्योग समूह की 25 महिलाएं इंदू देवी की अगुवाई में सूत से धागा तैयार कर न केवल आत्मनिर्भर हो रही हैं बल्कि अन्य बेरोजगार महिलाओं को जोड़कर उन्हें स्वावलंबन का भी पाठ पढ़ा रही हैं।

खादी ग्रामोद्योग समूह से जुड़ी महिलाओं ने बताया कि क्षेत्र की महिलाओं को रोटी व रोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से वर्ष 2014-15 में डुमरिया बुजुर्ग में खादी ग्रामोद्योग को पुनर्जीवित कर सूत कटने का काम शुरू हुआ। भागलपुर जिले के खादी भंडार सुल्तानगंज की मदद से राजकोट चरखे की यहां फिर संगीत शुरू हो गई। इस ग्रामोद्योग में काम कर रही लीला देवी, समिता देवी, चुना देवी, रेणु देवी, कजोमा देवी, रूपकला देवी, अंजनी देवी आदि की माने तो कई दशकों से बन्द पड़े खादी ग्रामोद्योग को पुनर्जीवित कर गांव की महिलाओं को रोटी रोजगार से जोड़ने का प्रयास काबिले तारीफ है। अच्छी आमदनी के कारण परिवार में भी उनका सम्मान बढ़ गया है। अब तो धीरे-धीरे इसमें और भी महिलाएं जुड़ रही हैं। आने वाले समय में यह ग्रामोद्योग मील का पत्थर साबित होगा।

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