सीतामढ़ी न्यायालय में पेशी के दौरान कुख्यात कैदी को गोलियों से भूना, मौत

बिहार में कानून के राज को अब अपराधी खुलेआम चुनौती देने लगे है। मामला बिहार के सीतामढ़ी सीजेएम न्यायालय का है। पुलिस सुरक्षा को ठेंगा दिखा कर बाइक सवार तीन बदमाशो ने पेशी के लिए आये कुख्यात संतोष झा को दोपहर करीब तीन बजे में गोली मार कर हत्या कर दी है। इस दौरान सीजेएम कोर्ट के एक चपरासी को भी गोली लगी है। हालांकि, वह खतरे से बाहर बताया जा रहा है। घटना के बाद कोर्ट परिसर में भगदड़ मच गया।

 

अत्याधुनिक हथियार से की फायरिंग

बताया जा रहा है बाइक सवार तीन बदमाशो ने अत्याधुनिक हथियार एके-56 से करीब 20 राउंड फायरिंग किया। इसमें से एक गोली संतोष के सिर और दूसरा पेट में लगी और वह मौके पर ही ढ़ेर हो गया। गोली की तड़तड़ाहट से सीजेएम कोर्ट में मंगलवार को अफरा-तफरी मच गयी। लोग डर के मारे इधर-उधर भागने लगे। कोर्ट परिसर की सुरक्षा को लेकर वकीलो ने नाराजगी जताई है। हालांकि, इस घटना के बाद से कोर्ट परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

सीतामढ़ी जेल से पेशी के लिए आया था संतोष

कुख्यात संतोष सीतामढ़ी जेल में बंद था और पुलिस सुरक्षा के बीच पेशी के लिए उसे सीतामढ़ी जेल से ही कोर्ट लाया गया था। पेशी के दौरान ही पुलिस की मौजूदगी में पहले से घात लगाए अपराधियों ने संतोष झा पर दनादन फायरिंग शुरू कर दी। गोली उसको सिर और पेट में लगी और वह कोर्ट परिसर में ही गिर गया। इसके बाद पुलिस ने आनन-फानन में उसको इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा, जहां डॉक्टरों ने संतोष को मृत घोषित कर दिया।

संतोष पर पहले से दर्ज है कई मामले

कोर्ट परिसर में फायरिंग की सूचना मिलने पर एसपी के नेतृत्व में भारी संख्या में पुलिस के जवान कोर्ट परिसर में पहुंचकर कोर्ट की घेराबंदी कर ली है। बतातें चलें कि मृतक संतोष झा एक कुख्यात अपराधी था। आरम्भ में उसका नक्सल से जुड़ाव रहा है। संतोष झा पर पूर्व से ही कई मामले दर्ज हैं। वह शिवहर जिले के पुरनहिया थाने के दोस्तियां गांव का रहनेवाला था। वर्ष 2001 में वह एक मुखिया पर हमले के बाद चर्चा में आया था और इसके बाद अपराध की दुनिया में पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा।

दरभंगा इंजीनियर हत्याकांड का था मास्टर माइंड

संतोष झा पर दरभंगा में एक इंजीनियर की हत्या करने, रीगा के पास पुलिस से मुठभेड़ करने, सीतामढ़ी के एक जिला पार्षद की हत्या करने समेत करीब दो दर्जन से अधिक मामले दर्ज है। स्मरण रहे कि इसमें से कई मामले में आजीवन कारावास की सजा भी हो चुकी थी। पिछले दिनों इसको सीतामढ़ी जेल में यहां के एक मुकदमों की सुनवाई को लेकर लाया गया था। कुछ दिनों पूर्व मोतिहारी में भी इसी के गैंग के एक सदस्य अविनाश झा की कोर्ट परिसर में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

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