रेप और मर्डर के इस मामले में कोर्ट ने सुनाया मृत्युदंड

उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिला में सीबीआई कोर्ट ने सीरियल रेप और मर्डर के एक मामले में शुक्रवार को सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंधेर को फांसी की सजा सुनाई है। सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पी.के. तिवारी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि कोली और पंधेर घरेलू नौकरानी अंजलि के साथ 2006 में दुष्कर्म करने और उसकी हत्या में संलिप्त थे और दोनों कठोरतम सजा के हकदार हैं।
न्यायालय ने गुरुवार को इस मामले में दोनों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 376(दुष्कर्म), 302(हत्या), 201(सबूत छिपाने और झूठी सूचना फैलाने) के अंतर्गत दोषी पाया था। दोनों पंधेर के नोएडा स्थित घर में कई बच्चों के अपहरण, उनके यौन शोषण और हत्या के मामले में मुख्य अभियुक्त हैं।
पीड़िता एक 25 वर्षीय युवती है, जो नौकरानी का काम करती थी। घटना के रोज यानी 12 अक्टूबर, 2006 को वह काम करने के बाद अपने घर वापस नहीं लौटी। उसके लापता होने की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज कराई गई थी। कोली को पहली बार 29 दिसंबर 2006 को गिरफ्तार करने के बाद, पुलिस ने घर के पीछे से कुछ कंकाल भी बरामद किया था।

अभियोजन पक्ष के वकील जे.पी. शर्मा ने कोर्ट को बताया, बरामद कंकाल का डीएनए पीड़िता की मां और भाई से मिल गया है। इसके अतिरक्त पीड़िता के परिजनों ने उसके कपड़े की भी पहचान कर ली थी। इसी को साक्ष्य मानते हुए अदालत ने दोनों को दोषी करार दिया है। यह तीसरा मामला है, जिसमें पंधेर को मौत की सजा सुनाई गई है, जबकि कोली को इससे पहले 8 मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है।

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