यूपी में महागठबंधन महाग्रहण की चपेट में

मायावती ने दिए संकेत

लोकसभा चुनाव के नतीजों ने यूपी में बसपा सपा के महागठबंधन पर महाग्रहण लगा दिया है। राजनीतिक हलको में टूट के कयास लगने शुरू हो गए हैं। बसपा प्रमुख मायावती ने सपा के साथ गठबंधन के भविष्य को लेकर इशारों में सवाल खड़े कर दिए हैं। बसपा अध्यक्ष मायावती ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पार्टी के पदाधिकारियों से गठबंधनों पर निर्भर रहने के बजाय अपना संगठन मजबूत करने का निर्देश दे दिया है।

बसपा ने दी सफाई

समीक्षा बैठक के दौरान बसपा में अंदरूनी हलचल को देखते हुए सपा से रार छिड़ना तय माना जा रहा है। इधर, सपा-बसपा में दरार की खबरों पर मायावती के भतीजे आकाश ने सफाई दी है। उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा कि मीडिया में मायावती के बयान आ रहे हैं कि बसपा अकेले ही चुनाव मैदान में उतरेगी। परंतु बसपा ने इसका खंडन किया है। कहा कि बैठक में गठबंधन के भविष्य पर कोई फैसला नहीं किया गया है।

बसपा को नहीं मिले यादवों के वोट

लोकसभा चुनाव के परिणाम की समीक्षा के लिए मायावती ने सोमवार को यूपी के पार्टी पदाधिकारियों और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की बैठक में कहा कि बसपा को जिन सीटों पर कामयाबी मिली उसमें सिर्फ पार्टी के परंपरागत वोट बैंक का ही योगदान रहा। बैठक में मिले फीडबैक के आधार पर बसपा अध्यक्ष ने लोकसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन के बावजूद बसपा के पक्ष में यादव वोट स्थानांतरित नहीं होने की भी बात कही । पार्टी के प्रभारियों की रिपोर्ट में जमीन पर गठबंधन काम न करने की बात कही गई है।

अपने बूते उपचुनाव लड़ेगी बसपा

बसपा प्रमुख ने विभिन्न राज्यों में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में किए गए गठबंधन से उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं मिलने का हवाला देते हुए कहा कि अब बसपा अपना संगठन मजबूत कर खुद अपने बलबूते चुनाव लड़ेगी। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के 11 विधायकों के चुनाव जीतने के बाद इन सीटों पर उपचुनाव प्रस्तावित है।

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